Tuesday 4 December 2012

मेरी तस्वीर में रंग और किसी का तो नहीं
घेर लें मुझको सब आके मैं तमाशा तो नहीं

ज़िन्दगी तुझसे हर इक साँस पे समझौता करूँ
शौक़ जीने का है मुझको मगर इतना तो नहीं

रूह को दर्द मिला दर्द को आँखें न मिली
तुझको महसूस किया है तुझे देखा तो नहीं

2 comments:

  1. बहुत सुंदर शब्द ....दर्द लेकिन हिम्मत के साथ ....

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  2. रूह को दर्द मिला दर्द को आँखें न मिली
    तुझको महसूस किया है तुझे देखा तो नहीं

    बहुत सुंदर

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