टूटी हुयी कश्ती को कभी किनारा नहीं मिलता टूटे जाये अगर सांसो की डोर
कभी छूता हुआ साथ दोबारा नहीं मिलता चल दिए एक अनजान राह की ओर
सब है एक वो ही नहीं जो था साया हमारा चारो तरफ है लोग और बहुत शोर
बहुत रिश्ते बिखरते है दुनिया में आने पर जुड़ते है है पल पल यहाँ लोग
पर जाने के बाद कौन यद् रखता है नए रिश्ते निभाने के लिए होती है हमेशा एकदौड़ ................................................श्वेता
कुछ रिश्ते ...ज़िन्दगी भर बने रहते हैं .....यादों और अहसासों में जिंदा ...वे जहाँ भी होंगे उनका आशीष हमेशा रहेगा ...विनम्र श्रधांजलि
ReplyDeleteआजके वक़्त में रिश्तों की कद्र किसे है बिटिया ....हम मृगत्रिश्ना के पीछे भाग रहे हैं
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