Saturday 16 March 2013

miss u papa

टूटी हुयी कश्ती  को कभी किनारा नहीं मिलता टूटे  जाये  अगर सांसो की डोर  
कभी  छूता हुआ साथ दोबारा नहीं मिलता चल दिए एक अनजान राह  की ओर  
सब है  एक वो  ही नहीं जो था  साया  हमारा  चारो तरफ  है लोग और बहुत शोर
बहुत रिश्ते बिखरते है दुनिया में आने पर  जुड़ते है है पल  पल  यहाँ लोग 
पर जाने के बाद  कौन यद् रखता है नए रिश्ते निभाने के लिए होती है हमेशा एकदौड़ ................................................श्वेता 

2 comments:

  1. कुछ रिश्ते ...ज़िन्दगी भर बने रहते हैं .....यादों और अहसासों में जिंदा ...वे जहाँ भी होंगे उनका आशीष हमेशा रहेगा ...विनम्र श्रधांजलि

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  2. आजके वक़्त में रिश्तों की कद्र किसे है बिटिया ....हम मृगत्रिश्ना के पीछे भाग रहे हैं

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