Thursday, 29 March 2012

dard

आप के   दर्द का आहसास है  हमें, फिर भी आप  पराया करना चाहे हमें
आप  के   तन की छाया  है हम ,आप   फिर भी क्यों  दूर करना चाहे हमें
जानती  हु की जी न सकते है आप  मेरे बिना , फिर भी दूर कर रहे है आप  हमें
समाज की रीत है जानते है हम, फिर भी कुछ तो वक्त दीजिये हमें
पिता  तो सदेव ही आपने बेटियों का इश्वर होता है ,तो क्या आप भुला देगे हमें
हम जानते है की आसान  नहीं  है सब आपके लिए भी तो क्या रोकेगे  नहीं आप  हमें 

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